Details, Fiction and सफेद मूसली के लाभ



महिलाओं की बॉडी पुरषों से काफी अलग होती है इसलिए हार्मोनल चेंज होने के कारण महिलाओं का शरीर ज़्यादा सेंसिटिव होता है। अगर आप भी मूड स्विंग, अनियमित पीरियड्स, कमर दर्द, कमज़ोरी जैसी समस्या से परेशान हैं तो आपको ज़रूर शतावरी का सेवन करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि क्या है शतावरी और इसके फायदे...

इस योग में सफेद मूसली और शक्कर को बराबर अनुपात में मिलाया जाना चाहिए और दिन में दो बार एक चम्मच खुराक दूध के साथ लेनी चाहिए।

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सफेद मूसली को किसी भी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है। साथ ही यइ ऑनलाइन भी उपलब्ध है। मेडिकल स्टोर पर सफेद मूसली चूर्ण, टॉनिक या फिर कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होती है।

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गर्मियों के मौसम में दही हमारी डेली डाइट में शामिल हो जाता है। साथ ही कई लोग दही खाने के फायदे भी अच्छी तरह से जानते हैं पर क्या आपको मिट्टी के बर्तन में दही खाने के फायदे पता हैं?

जिन कंदों का उपयोग बीज हेतु करना हो, उन्हें छोड़कर शेष मूसली को विपणन हेतु भिजवाने से पूर्व उसके कंदों/ट्यूबर्स/फिंगर्स की छिलाई करना अथवा उनका छिलका उतारना अत्यावश्यक होता है ताकि छिलका उतारने पर यह अच्छी तरह से सूख जाए तथा इसे बिक्री हेतु प्रस्तुत किया जा सके। यद्यपि यह कार्य अत्याधिक आसान है तथा अकुशल श्रमिक/बच्चे भी इसे कर सकते है परन्तु यह काफी अधिक श्रमसाध्य है तथा इसमें काफी समय लगता है, क्योंकि मूसली के प्रत्येक कंद/फिंगर को छीलना पड़ता है। वर्तमान में मूसली की छिलाई हेतु प्रचलित प्रमुख विधियाँ निम्नानुसार हैं-

खोदने के उपरांत इसे दो कार्यों हेतु प्रयुक्त किया जाता है-

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इसम मिश्रण को दूध के साथ लेने से लाभ होता है।

जिन लोगों को भूख कम लगने की click here शिकायत होती है उनका पाचन तंत्र सही तरह से कार्य नहीं करता है। उन लोगों के सफेद मूसली बहुत ही प्रभावी होती है।

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(ख) मूसली को गीला करके उसका छिलका उतारना - प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ जंगलों से मूसली एकत्रित की जाती है, कच्ची मूसली को जंगल से उखाड़ने के उपरान्त उनका ढेर लगा दिया जाता है तथा उन पर प्रतिदिन पानी का हल्का-हल्का छिड़काव किया जाता है। कुछ समय के उपरान्त यह मूसली या तो स्वयं ही छिलका छोड़ने लगती है या इसे आसानी से मसल कर छिलका निकाल दिया जाता है। यह विधि विशेष रूप से जंगलोंसे उखाड़ी हुई कच्ची मूसली का छिलका उतारने के लिए उपयोगी हो सकती है। परन्तु इस विधि से पूर्णतया पकी हुई मूसली से छिलका उतारने का सुझाव देना शायद उपयुक्त नहीं होगा।

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